देव भूमि उत्तराखंड में अनेक से प्रसिद्ध माता के पवित्र पावन धाम हैं जिनमे से एक गर्जिया (गिरिजा) माता का मंदिर है। यह मंदिर रामनगर से करीब 15 किमी० पर एवं सुन्दरखाल गाँव में कोसी नदी पर स्थित हैं। माता का यह भव्य मंदिर नदी के मध्य में एक पहाड़ की छोटी सी चोटी पर स्थित है। हिमालय पुत्री उमा (पार्वती) गिरिराज की बेटी होने से उन्हें गर्जिया (गिरिजा) कहते हैं। गर्जिया देवी माता मंदिर रामनगर में जंगलो के बीच हैं हर साल इस मंदिर में 5 लाख से भी अधिक श्रद्धालु आते हैं ।
इस मंदिर कि बहुत अधिक मान्यता मानी जाती हैं यहां आने वाले श्रद्धालु सन 1945 में घने जंगल होने के कारण से इस मंदिर का कोई रास्ता नहीं था। माना जाता हैं कि उस समय अगर कोई श्रद्धालु सच्चे मन से आता है तभी उसको यह मंदिर दिखाई देता था। यह मंदिर काफी लोकप्रिय हैं यहाँ नजदीकी लोगो द्वारा इस मंदिर को माँ गर्जिया के नाम से पुकारते हैं यह मंदिर एक शांत जगह पर स्थित हैं
माँ गिरिजा के इस पावन धाम में मंदिर के नीचे की ओर एक गुफा द्वार हैं। उस गुफा के अंतरगत भगवान शिव की भव्य मूर्ति हैं। जिसमे भक्तजन द्वारा प्रशाद व चुनरी भेट की जाती हैं। इस मंदिर में कई प्रकार की पूजाएं दी जाती हैं।
इस मंदिर के दूसरी ओर भैरव देवता का वास भी हैं भैरव का अर्थ भय- हरड़ से होता हैं। भैरव बाह को माँ पार्वती व शिव भगवान का सेवक भी माने जाता हैं।
गर्जिया माता मंदिर एक पर्यटन स्थल
यह पर्यटन व धार्मिक स्थल के रूप में भी विकसित है। हर साल इस मंदिर में 5 लाख से भी अधिक श्रद्धालु आते है। इस मंदिर कि बहुत अधिक मान्यता मानी जाती हैं। जिसके कारण यहां लोग आते हैं इस मंदिर के चारो ओर हरयाली घने जंगल और बीच में माता का मंदिर व नीचे कि तरफ नदी निकलती जो कि एक अति सुंदरक दृश्य है। इस दृश्य को देखने के लिए काफी लोग आते है इस मंदिर के पीछे कि तरफ लगभग 1 किमी० के बाद एक झूला पुल है जिसके नीचे से कोसी नदी बहती है इस पुल को अंग्रेजो द्वारा बनाया गया था। गर्जिया माता मंदिर एक पर्यटन स्थल है इसी लिए यह इतना प्रसिद्ध है।
गर्जिया देवी माता मंदिर रामनगर से जुडी मान्यताएं
ऊपरी क्षेत्र हिमालय पर्वत का छोटा सा अंश जिसकी चोटी में माता का मंदिर स्थित था। जो कि एक बाढ़ के दौरान बहता हुआ आ रहा था। यह देख भैरव बाबा ने माता को रोकने का प्रयास किया और कहा “थि रौ, बैणा थि रौ” (ठहरो, बहन ठहरो)। और मेरे साथ यहा रुक जाओ। और माता यह सुन कर रुक गयी तभी से माता वही विराजमान हैं।
गर्जिया माता मंदिर में पार्वती माता के संग यहां माता सरस्वती,भगवान गणेश के साथ भैरव बाबा कि भी मूर्ति है यहां लक्ष्मी नारायण भगवान के भी दर्शन किये जाते हैं। यहां आने वाले सभी श्रद्धालु मंदिर में जाने से पहले हात पैर या स्नान करके माता के दर्शन के लिए 90 सिडिया चढ़ने बाद माता के दर्शन करते हैं जिसके पश्चात् भगवान शिव फिर भैरव बाबा को के लिए उन्हें भेट में उड़द कि दाल चावल ( खिचड़ी ) चढ़ाई जाती है।
नवरात्री में गर्जिया देवी मंदिर अहम् दिवस
यहां मुख्य रूप से सालाना श्रद्धालु तो आते हैं लेकिन हिन्दू धर्म में मनाया जाने वला मुख्य त्योहार नवरात्री जिसमे 9 दिन तक माता के नाम के 9 व्रत लिए जाते है नवरात्री के दिनों में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए बहुत दूर दूर से हजारो भक्त दर्शन के लिए आते हैं इस दिनों यहां भक्तो द्वारा माता को चुनरी सोहला सिंगर भेट व मन्नत मांगते समय घंटी चढ़ाई जाती है।
गर्जिया देवी माता मंदिर रामनगर कैसे पहुंचे
गर्जिया माता मंदिर रामनगर से महज 15 किमी दूरी है अगर आप दिल्ली से हैं तो आप प्रावेट बास ट्रेन के माद्यम से पहुंच सकते हैं जिसके पश्चात् रामनगर से आपको टेम्पो मिल जायेगा।