- नैनीताल झील
- भीमताल झील
- नौकुचियाताल
- सातताल
- खुर्पाताल
- झीलमिल ताल
- तड़ाग ताल
नैनीताल झील
नैनीताल झील को नैनी झील भी कहा जाता है | यह उत्तराखंड की प्रमुख झीलें में से एक है। नैनी झील नैनीताल का सम्पूर्ण आकर्षण् है यहा नाव कि सवारी भी कि जाती है। नैनी झील के दो कोने है जिसे स्थानीय लोग तल्ली ताल व मल्ली ताल के नाम कहते है। नैनीताल झील दो कोनो सड़को से जुड़ा है नैनीताल झील कि लगभग अधिकतम गहराई 27.4 मी (90 फीट) व लम्बाई लगभग 1,432 मी० (4,697) व अधिकतम चौड़ाई 457 मी॰ (1,489 फीट) झील का क्षेत्रफल 48.76 हे॰ (120.5 एकड़)
भीमताल झील
यह ताल नैनीताल से भी बड़ा ताल है| भीमताल त्रिभुजाकर का है| इसकी लम्बाई लगभग 1675 मी॰,चौड़ाई 448 मी॰ व गहराई 15 से 55 माना जाता है| इस झील की खास विशेषता है की यह झील के मध्य में एक टापू है जिसे पिकनिक कहा जाता है। इस टापू तक पहुंचने के लिए नाव का प्रबंधन किया गया है। इस झील के भी नैनीताल के तरह दो कोने व झील के चारो ओर सड़के हैं|
नौकुचियाताल
यह ताल नैनीताल से 26.3 कि॰मी॰ दुरी पर स्थित है| यह ताल के नौ टेड़े-मेढे कोने होने के कारण इसका नाम नौकुचियाताल रखा गया है| यह ताल 983 मी० लम्बी,व 693 मी० चौड़ाई और 40 मी० गहरी है माना जाता है| कि अगर किसी व्यक्ति ने इन नौ तालो को एक साथ देख लिया तो उनहे मोक्ष कि प्राप्ति हो जाती है। नौकुचियाताल कि एक विशेता है कि यहा विदेश से आये नाना प्रकार के पक्षी रहते हैं| व ताल में कमल के फूल है|
सातताल
घने बांज के वृक्षों से घिरा हुआ है| यह समुन्द्र ताल से 1369 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह नैनीताल से 24 किमी० दूर है। माना जाता है कि स्थान इग्लैंड के वैस्ट्मोरलैण्ड मिलती जुलती है| यहा सात तालो का मिलन है इस लिए ऐसे सातताल कहते है| यह नैसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है|
खुर्पाताल
प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल से खुर्पाताल 11 किमी ० दूर स्थित है| खुर्पाताल का नाम इस लिए रखा गया क्योकि इस ताल कि आकृति घोड़े के पैर कि सामान दिखाई देती है| यह समुद्रतल से 1640 उचाई पर स्थित है| यहा मछली पकड़ने वालो के लिए अत्यधिक सुन्दर जगहा है| खुरपा ताल 19 वी सदी में लौह औजारों निर्माण के लिए विक्षित था।
झीलमिल ताल
यह ताल चम्पावत जिले के टनकपूर गाँव से 6 किमी० पर स्थित है। झिलमिल ताल गोल आकर का है व इस ताल कि एक मुख्य विशेषता है कि यह झिलमिल ताल दिन में 7 बार रंग बदलती है। झीलमिल ताल का बहुत अधिक धार्मिक महत्तव है | इस ताल किनारे पर माँ पूर्णागिरि का मंदिर है यह मंदिर के पुजारी रामन्नाथ द्वारा यह बताया जाता है कि इस मंदिर में माँ पूर्णागिरि स्नान करने करा करती थी।
तड़ाग ताल
तड़ाग ताल अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया गाँव से 11 किलो मीटर स्थित है| इस ताल कि लम्बाई लगभग 1 किलोमीटर लम्बा व 1/2 चौड़ा है| यह उत्तराखंड की प्रमुख झीलें में से एक है| इस ताल के पानी कि निकाशी के लिए 6 सुरंग बनाई गयी है जिसमे से 4 बंद है| यहा कि प्राकृतिक सुंदरता लोगो को बहुत अधिक भाती है। तड़ाग ताल के नजदीकी लोगो का यह कहना है कि स्थानीय लोगो को पानी कि आपूर्ति नहीं होती है|