देवभूमि उत्तराखंड शुरुवात से ही वीरसपूतों की भूमि रही है। प्राचीन काल से यह दिव्य एवं महान आत्माओं का निवास स्थान रहा है। इस लिए यहाँ पर विभिन्न पर्व एवं मेलें का आयोजन किया जाता है। उन्ही मेलों में से एक है वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्मृति मेला जो की उत्तराखंड में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ आयोजित किया जाता है। बताना चाहेंगे की उत्तराखंड में पर्वों और मेलें का आयोजन के पीछें कोई ऐतिहासिक महत्व या किसी व्यक्ति विशेष से सम्बन्ध जरूर जुड़ा होता है। उसी तरह से वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्मृति मेला वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के सम्मान के लिए आयोजित किया जाता है।
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्मृति मेला
यह प्रमुख मेला पेशावर काण्ड के महानायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी की स्मृति में आयोजित किया जाता है। यह उत्तराखड के पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में हर वर्ष आयोजित किया जाता है। हर वर्ष 23 अप्रैल को यह भव्य महोत्सव मेला वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जो को स्मृति एवं सम्मान के लिए आयोजित किया जाता है। इस महान उपलक्ष्य पर उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं अन्य कार्यकर्ता भी शामिल होते है।
पेशावर कांड के महान नायक थे वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का जन्म 25 दिसंबर 1891 को उत्तखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिलें के थलीसैण तहसील में हुवा था। एक हट्टे कट्टे शरीर के साथ वह लैंसडौन सेंटर से सेना में भर्ती हुए थे। जवान खून एवं नए जोश के साथ वह अपना कर्तव्य पूरा करते रहे। उन्होंने अपना योगदान न केवल देश की रक्षा में दिया अपितु देश को आजाद कराने में भी उनका महत्पूर्ण योगदान है। जिसे याद करने के लिए जगह जगह उनकी स्मृतिया बनाई गई है और उनको सम्मान देने के लिए वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्मृति मेला आयोजित किया जाता है।
राजकीय मेला घोषित किया गया है मेलों को
महान सेना नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली को हर वर्ष 23 अप्रैल को पेशावर कांड की याद में सम्मान दिया जाता है। इस इस दिन की अहमियत को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस मेले को राजकीय मेला घोषित किया है। इस दिन उत्तराखंड में देश की रक्षा में कुर्बान सैनिकों को सम्मान दिया जाता है। शहीदों के परिजनों को सम्मान देते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी इस उपलक्ष्य पर सम्मान दिया जाता है।