वैसे तो उत्तराखंड में व्यापार के विभिन्न विकल्प मौजूद है। लेकिन क्या आप ऐसे व्यवसाय के बारें में भी जानते है जिन्हें हम कम पैसे में भी शुरू कर सकते है। अगर नहीं तो यह लेख आपके लिए बहुत खास होने वाला है। आज हम आपको उत्तराखंड में कम पैसे में व्यवसाय शुरू करने के बारें में जानकारी देने वाले है।
उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय. Uttarakhand me Bakri Palan
उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय एक ऐसा काम है जिसे हम कम पैसे में भी शुरू कर सकते है। बकरी पालन व्यवसाय की सबसे अच्छी खासियत यह भी है की इस व्यवसाय को करने के लिए पढाई लिखाई के साथ किसी खास कौशल की जरुरत नहीं होती है। इस व्यवसाय को अशिक्षित लोग भी बिना किसी परेशानी के शुरू कर सकते है। चलिए जानते है की किस तरह से उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय को शुरू किया जा सकता है।
उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय को किस तरह से शुरू किया जा सकता है इसके लिए हम कुछ बिंदुओं के आधार से समझने की कोशिस करते है।
- बकरी पालन व्यसाय के लिए बजट
- व्यवसाय को शुरू करने के लिए जगह
- आहार
- प्रजनन
- बकरियों का रहन सहन
बकरी पालन व्यसाय के लिए बजट
बकरी पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए ज्यादा पैसे की भी जरूरत नहीं है। आप चाहें तो इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए शुरुवात में कम पैसा लगा सकते है। लगभग 50 हजार से 1 लाख के मध्य आप बकरी पालन व्यवसाय को शुरू कर सकते है। धीरे धीरे व्यवसाय को आगे बढ़ने के लिए आप इसमें समय समय पर पैसा खर्च कर सकते है।
व्यवसाय को शुरू करने के लिए जगह
बकरी पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए बकरियों के पालन पोषण के लिए किसी खास जगह की तराश करना अनिवार्य है। इसके लिए घर से अलग किसी खाली जगह या गोशाला का उपयोग भी कर सकते है। शुरू में आप कम जगह में भी बकरी पालन कर सकते है। जब व्यवसाय को बढ़ाने का अवसर मिलें तो आप जगह को बकरियों के अनुसार बढ़ा सकते है।
उचित आहार की व्यवस्था
बकरियों के लिए उचित आहार की व्यवस्था करना भी एक जिम्मेदारी का कार्य होता है। वैसे तो उत्तराखंड में चारें के लिए उपयुक्त बंजर भूमि होती है। लेकिन इसके अतिरिक्त भी पेड़ पौधों की पत्तिया एवं झाड़ियाँ का एकत्रित करके रख सकते है। हरें चारें के साथ सूखें चारा की जरुरत भी पड़ती है जो की बकरियों के विकास में मदद करती है। यह सूखा चारा स्थानिया बाजारों में आसानी से मिल जाता है।
बकरी प्रजनन के समय देखभाल
बकरी पालन व्यवसाय के साथ हमें यह भी जानकारी होनी चाहियें की बकरी प्रजनन के समय देखभाल किस तरह से किया जाना चाहियें। सामान्यतः बकरी 8 से 10 माह के बीच प्रजनन करती है और नव उत्पन्न मादा बकरी प्रजनन के लिए लगभग 10 – 15 माह की आयु में तैयार हो जाती है। ऐसी स्थिति में नव शिशु की देखभाल करना अनिवार्य कार्य होता है। नव शिशु को एक दिन में चार बार दूध सेवन करना जरुरी है।
बकरियों का रहन सहन
सभी बकरियों का सही से देखभाल करना जरुरी है। क्योंकि समय के साथ एवं मौसम परिवर्तन से बकरियों में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते है। जिनमें से प्रमुख रोग गलघोटू, इंटरोटाक्सीमिया, मुंहपका खुरपका प्रमुख है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए बकरियों को समय पर टिका एवं दवाई का सेवन जरुरु करना चाहियें।
बकरी पालन व्यवसाय में आर्थिक व्यय. Bakri Palan Ke Liye Budget
एक बार होने वाला अनुमानित व्यय | |
10 बकरियों का क्रय मूल्य 7000 के अनुसार | 10×7000 |
1 अच्छे प्रकार की बकरें की कीमत | 10000 |
योग – 80000 |
इस तरह से कम निवेश में एवं अच्छी योजना के साथ उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय को शुरू किया जा सकता है। यदि आपको बकरी पालन से जुडी अन्य जानकारी एवं बकरी पालन से लाभ प्राप्त करने के बारें में जानकारी चाहियें तो आप बेझिझक हमसे संपर्क कर सकते है