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उत्तराखंड में बकरी पालन से फायदे. Uttarakhand me Bakri Palan se Fayede

by Surjeet Singh
उत्तराखंड में बकरी पालन से होने वाले फायदे. Uttarakhand me Bakri Palan se Fayede

बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है।  जिससे कम समय में अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है और इस व्यवसाय की सबसे अच्छी खासियत यह भी है की इसे अशिक्षित एवं कम पढ़ें लिखे लोग भी बिना किसी परेशानी के शुरू कर सकते है।  उत्तराखंड के साथ साथ अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में इस व्यवसाय से अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है क्योंकी उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय को आसानी से बिना किसी दिकक्तों से किया जाता है।  चलिए जानते है की उत्तराखंड में बकरी पालन से होने वाले फायदे किस तरह से लाभ प्रदान करते है।

उत्तराखंड में बकरी पालन से  फायदे

उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहाँ पर बकरी पालन व्यवसाय को बहुत अच्छे एवं सरल तरीके से प्रबंध करके अच्छा अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता है।  नीचे बिंदुओं के आधार पर हम समझ सकते है की उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय किस तरह से आसान हो सकती है। और इससे मिलने वाले फायदें भी अन्य व्यवसाय की तुलना में काफी आकर्षक होते है।

  • कम कीमत में अच्छी बकरियों की किस्म
  • बंजर भूमि से आहार की पूर्ति
  • गोशाला में पालन पोषण का कार्य
  • खास समय पर तुरंत बिक्री
कम कीमत में अच्छी बकरियों की किस्म

आज के  समय में भारत  के अन्य राज्यों में  बकरियों की कीमत अधिक होने से लोग बकरी पालन व्यवसाय वंचित रह जाते है  है।  जबकि देखें तो देखें तो उत्तराखंड एवं पर्वतीय राज्यों में बकरियों की कीमत अच्छी होती है।  उत्तराखंड में बकरियों की कीमत अच्छी होने से उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय को कम निवेश में भी शुरू किया जा सकता है।  उत्तराखंड में बकरियों की कीमत सामान्यतः 6  से 8 हजार रूपए के बीच होती है। छोटी बकरियों की कीमत 5 हजार के आस पास होती है।  शुरुवात में निवेश को मध्य नजर रखते हुए बकरियों का चयन कर सकते है।

बंजर भूमि से आहार की पूर्ति

उत्तराखंड पर्वतीय राज्य होने से यहाँ की अधिकांश भूमि बंजर है।  इस बंजर भूमि का उपयोग चरवाहों के द्वारा मवेशियों को चुगाने के लिए किया जाता है।  उत्तराखंड में बकरियों के चारें के  लिए सम्पूर्ण जगह है।  बिना किसी वित्तीय निवेश के भी उत्तराखंड में बकरियों का पालन पोषण किया  जाता है।  इसलिए उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय लाभ का स्रोत होता है।

गोशाला में पालन पोषण का कार्य

उत्तराखंड के  ग्रामीण क्षेत्र में मवेशियों के निवास के लिए गोशाला बनायें जाते है।  अधिकतर लोंगो के गोशाला में बकरी पालने के लिए पर्याप्त जगह होती है।  इन सभी के लिए उत्तराखंड में बकरी पालन व्यवसाय करना कम खर्चें में अधिक लाभ प्राप्त करना जैसा हो सकता है। वह सभी लोग गोशाला में ही बकरी पालन कर सकते है इसके लिए किसी अन्य जगह एवं गोशाला बनाने की जरूरत भी नहीं पढ़ती है।

समय पर तुरंत बिक्री

बकरी पालन व्यवसाय में बकरियों के बिक्री करना चुनौतियों का विषय होता है लेकिन उत्तराखंड में बकरियों की बिक्री भी तुरंत हो जाती है।   मई,जून माह के साथ  खास समय एवं सीजन पर बकरियों की मांग अधिक होती है उस समय क्रेताओं द्वारा कीमत न देखते हुए बकरियों  की उपलब्धता देखी जाती है।  ऐसे समय में  बकरी पालन से अधिक लाभ कमाया जा सकता है।  इसके अलावा बाजारों में मीट बिक्रेताओं द्वारा भी बकरिया खरीदी जाती है जो की समय समय पर बकरियों की खरीदारी करते रहते है।

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