उत्तराखंड में खनिज पदार्थों का अभाव है। वैसे तो राज्य में बहुत से खनिज पदार्थ है लेकिन अभी तक जितने भी खनिज पदार्थों को खोज की गई उनके आधार पर कहा जा सकता है की उत्तराखंड में खनिज पदार्थों का अभाव है। आज हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड के प्रमुख खनिज एवं खनिजों के उपयोग के बारें में बात करने वाले है।
उत्तराखंड के प्रमुख खनिज
- सोना
- मैग्रोसाइट
- सेलखड़ी
- चूना पत्थर
- खड़िया चौक
- गंधक
- तांबा
- लोहा
सोना
उत्तराखंड में सोना मुख्यतः सारदा और रामगंगा के बालू में पाया जाता है। कुमाऊँ विकास निगम एवं गढ़वाल विकास निगम द्वारा उत्खनन का कार्य किया जाता है।
मैग्रोसाइट
मैग्रोसाइट का उपयोग लोहा इस्पात और सीमेंट कारखानों में किया जाता है। उत्तराखंड में मैग्रोसाइट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। खास तौर पर गढ़वाल के चमोली जिले में और कुमाऊँ के पिथौरागढ़ जिले में मैग्रोसाइट काफी मात्रा में पाया जाता है।
सेलखड़ी
सेलखड़ी का उपयोग सामान्यतः उर्वरक एवं कागज मिल में किया जाता है। यह उत्तराखंड के देहरदून एवं टिहरी गढ़वाल में अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
चूना पत्थर
चूना पत्थर का उपयोग चूना एवं सीमेंट उद्योग में किया जाता है। यह खनिज राज्य के देहरादून चमोली क्षेत्र के अलावा अल्मोड़ा पिथौरागढ़ में प्रयाप्त मात्रा में पाया जाता है।
खड़िया चौक
खड़िया चौक का उपयोग श्यामपट में लिखने के अलावा धरती के PH को ठीक करने में किया जाता है। यह खनिज उत्तराखंड के चमोली और नैनीताल के अलावा देहरादून में पाया जाता है।
गंधक
गंधक का उपयोग त्वचा सम्बन्धी रोगो के अलावा खून को साफ़ करने में भी किया जाता है। यह उत्तराखंड के देहरादून और चमोली में पाया जाता है। बताया जाता है की देहरादून के सहस्त्र धारा में नहाने से त्वचा समन्धि रोग ठीक होते है।
तांबा
तांबा उत्तराखंड के प्रमुख खनिज में से एक है ताबें का उपयोग औजार और सिक्के बनाने के अलावा बहुत से कीमती सामान बनाने में किया जाता है। यह खनिज उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़ और देहरादून,टिहरी में पाया जाता है।
लोहा
लोहा का उपयोग विभिन्न प्रकार के मिश्रित धातुओं के अलावा कई तरह के सामान बनाने में किया जाता है। यह उत्तराखंड के टिहरी अल्मोड़ा के अलावा नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल में पाया जाता है।