अपनी सांस्कृतिक विरासत को पहचान दिलाने में उत्तराखंड के लोगों ने अपना महत्वूर्ण योगदान दिया है। उत्तराखंड को आकर्षक छवि प्रदान में करने में यहाँ के कलाकारों द्वारा अहम भूमिका निभाई गए है। आज हम आपको उत्तराखंड के प्रमुख कलाकारों के बारें में बताने वाले है। जिनके निरंतर प्रयास से आज उत्तराखंड अपनी कला और संस्कृति के लिए पहचाना जाता है।
उत्तराखंड के प्रमुख कलाकार
- इन्द्र मणि बडोनी
- केशवदास अनुरागी
- मौलाराम
- नरेंद्र सिंह नेगी
- देवकीनन्दन पाण्डे
इन्द्र मणि बडोनी
इन्द्र मणि बडोनी का नाम हर एक उत्तराखंड वासी द्वारा बड़ी ही गर्वता के साथ लिया जाता है। अपने महान व्यक्तित्व के लिए परिचित होने वाले इन्द्र मणि बडोनी पुरे देश भर में उत्तराखंड के गाँधी के नाम से जाने जाते है। इनका जन्म सन 1924 में टिहरी गढ़वाल के अखोडी गांव में हुवा। लोक कलाकार की भूमिका निभाते हुए इन्होने कर्मक्षेत्र में पदापर्ण किया। उत्तराखंड की कला और संस्कृति के प्रोत्साहन में उनका महत्व पूर्ण योगदान है। इनके द्वारा देश के कई हिस्सों में गढ़वाली एवं कुमाऊंनी बोली के गीतों को प्रसार किया गया है।
केशवदास अनुरागी
केशवदास अनुरागी उत्तराखंड के महान व्यक्तियों में से एक है। आकाशवाणी प्रोग्राम एवं अन्य कई कार्यों के लिए पहचाने जाने वालों में से एक केशवदास अनुरागी का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में 1931 को हुवा। वह एक प्रसिद्ध लेखक भी है जिनके द्वारा संगीत के विभिन्न रसों की विवेचना करते हुए ‘नाद नंदिनी’ नामक पुस्तक लिखी गई।
मौलाराम
उत्तराखंड के प्रमुख कलाकार में से एक मौलाराम प्रसिद्ध कवि एवं एक चित्रकार भी है। वे हिंदी और संस्कृत के अलावा फ़ारसी भाषा के ज्ञाता थे। इनके द्वारा तीनो भषाओं में विभिन्न रचनाएँ रची गई। वे गढ़वाल नरेश के दरबारी चित्रकार थे | लेकिन उनकी चित्रशाला श्रीनगर में स्थित है। इन्होने अपनी माता जी से भक्ति का पाठ पढ़ा और चित्रकला गुरु रामसिंह जी से सीखी। लगभग 25 रचनाओं की रचना उन्होंने अलग अलग भाषाओं में लिखी।
नरेंद्र सिंह नेगी
आवाज से धनी श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ। ये उत्तराखंड के प्रमुख संगीतकार से में एक है जिन्होंने संगीत की हर शैली में गायन किया है। इनके द्वारा राज्य में प्रचलित स्थानीय भाषाओं जैसे गढ़वाली, रावलती,जौनसारी आदि में कार्य किया गया है। इन्हें गढ़रत्न एवं गढ़ गौरव की उपाधि भी दी गई है। इनके लोकगीतों में मातृभूमि और उत्तराखंड के लोगों की जीवन शैली के अनछुए पहलुओं को पिरोया है। जहाँ पुरुषों की मेहनत और महिलाओं को चिंता को दर्शाया है।
देवकीनन्दन पाण्डे
देवकीनन्दन पाण्डे उत्तराखंड के प्रमुख कलाकार में से है। अपने महान व्यक्तित्व के कारण इन्हें कुमाऊँ का गाँधी भी कहा जाता है। इनका जन्म उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल में हुवा। घूमने फिरने के अलावा उन्हें नाटक और खेलकूद का शौक था। जिसके कारण उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। लेकिन उपन्यास और कहानी पढ़ने में उन्हें बड़ी दिलचस्पी थी।