पढ़ाई करने का सही तरीका और समय का सही से पालन करके ही सलफलता को हासिल किया जा सकता है। जैसा की हम सभी लोग जानते ही है की बिद्यार्थियां ही देश का भविष्य होते है इसलिए उन्हें उनकी पढ़ाई और पढ़ाई करने के तरीके के साथ साथ समय का पालन किस तरह से करना है आदि विषय के बारें मैं जानकारी होना जरुरी है| उत्तराखंड क्लब के आज के इस लेख में हम आपके साथ पढ़ने का डेली रूटीन Study Time Table कैसे बनाये के बारें मैं जानकारी देने वाले है।
पढ़ने का डेली रूटीन Study Time Table बनाने से पहले हमें यह बात भी ध्यान मैं रखनी चाहियें की पढ़ाई के अलावा जो भी हमारा अन्य काम होते है चाहे वह घर का काम हो या खेल कूद हो। कुछ भी हो हमें सबसे पहले एक लिस्ट तैयार कर लेनी है जिसमें हमारें सारे महत्वपूर्ण कार्य शामिल होने चाहिये। ऐसा नहीं होना चाहियें की किसी कार्य को समय न मिल पाने के कारण हमारें पढ़ाई का समय बर्बाद हो रहा हो। इस लिए अपना दिनचार्य की श्रेणी जरुर तैयार कर लेनी है।
पढ़ाई के लिए समय चुनें – अपनी दिनचार्य की श्रेणी बनाने के बाद हमें सबसे पहले उस समय को चुनना है जिसमें हम पढ़ाई कर सकते है। माना की पुरे दिन के समय के अनुशार यदि हमारें पास पढ़ाई के लिए 5 घंटे मिल रहे है तो अब हमें उस 5 घंटे के हिसाब से ही पढ़ाई का टाइम टेबल तैयार करना है। इसमें हमें अपने हर एक विषय को समय देना है समय को किस तरह से बाटना है चलिए यह भी जान लेते है।
गृह कार्य के लिए समय बनायें – किताबें पड़ने के अलावा हमें अध्यापक द्वारा भी कुछ लिखने के लिए काम दिया जाता है जिसे हम होमवर्क या गृहकार्य कह सकते है इसके लिए भी समय देना जरूर होता है पढ़ाई के 5 घंटों मैं से आप 1 घंटा इस के लिए भी निकाल सकते है। वैसे यह कार्य रोज तो रहता नहीं लेकिन इस समय के दौरान हम अपने प्रक्टिकल को तैयार कर सकते है।
अपने विषय की श्रेणी तैयार कर ले – हमें अपने विषय की एक श्रेणी तौयार कर लेनी है जिसमें हमारें सारे विषय सम्लित होंगे। माना की आप लोग कक्षा की पढ़ाई के साथ सामन्य ज्ञान एवं अन्य किसी प्रकार की किताब भी पड़ते है तो उसे भी इसमें शामिल कर सकते है क्यों की उसके लिए हम किसी अन्य समय को बर्बाद नहीं करना चाहते। हो सकता है की उसमें आपकी कम रूचि। भले ही उसे कम समय दिया जाये लेकिन उसको समय देना भी जरुरी है।
सबसे कठिन विषय का चयन कर ले – सभी विषयों और कार्यों के आधार पर जो भी आपके पास विषय है आपने उन सभी विषयों मैं से सबसे कठिन विषय को अलग अलग कर लेना है ऐसा करने से आपको पता लग जाएगा की किस किस विषय के ऊपर आपको कितना कार्य करना है। इसमें आप अपने सरल लगने वाले विषय को भी अलग अलग कर सकते है । क्यों की उस हिसाब से फिर हम आगे टाइम मैनेजमेंट करने वाले है|
इस तरह से बनाये अपना पढ़ने का डेली रूटीन Study Time टेबल
- पढ़ाई के समय को भागों मैं विभाजित कर देना है। यानि की चार घंटों को आप सुबह, दिन, रात इस तरह से बाँट ले ताकि पढ़ाई के समय आपका मन तरोताजा महसूस हो।
- कठिन लगने वाले विषय को सबसे ज्यादा समय दें ताकि समय के हिसाब से किताब की पूरी पढ़ाई की जा सकें। इस विषय की पढ़ाई आप सुबह उठ कर भी कर सकते है। इसके लिए एक से डेढ़ घंटा आप इसे दे सकते है|
- सबसे सरल लगने वाले विषय को या जो किताब आप अलग एग्जाम के लिए पढ़ रहे है उसे रात को सोते समय पढ़ना चाहियें।
- दिन की शुरुआत होते ही यानी की सुबह आप दो विषय की पढ़ाई कर सकते है एक अपने कठिन विषय की और एक सरल विषय की। इसके बाद दिन के समय मैं आप 1 घंटा लेखन कार्य को दे सकते है और आधा घंटा किसी अन्य सब्जेक्ट को दे सकते है। रात के समय मैं आपको दो घंटे से तीन घंटे पढ़ाई करनी है जिसमें से सबसे पहले आपको दूसरा लगने वाले दूसरे विषय को शामिल कर सकते है और सोते समय जो विषय सरल हो उसे ले सकते है।
पढ़ने का डेली रूटीन Study Time टेबल बनाने के फायदे
- आप अपने सबसे कमजोर विषय को ज्यादा समय दे सकते है.
- आप दिन के अन्य कामों को भी समय दे सकते है। पढ़ाई के अलावा आप खेल कूद के लिए समय निकाल सकते है.
- आपको अंदाजा लग जाएगा की आप कितना समय पढ़ाई को देते है.
- आपका मन दिन भर चिंता से मुक्त रहेगा और इसी वजह से बाकि काम पुरे ध्यान से कर पायेंगें.
- समय के हिसाब से आप अपने पढ़ाई के तरीके को भी सुधार सकते है.