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जिला पिथौरागढ़ परिचय एवं इतिहास

by Surjeet Singh
जिला पिथौरागढ़ परिचय एवं इतिहास

संस्कृति की अनोखी छवि एवं मंत्रमुग्ध कर देने वाली पिथौरागढ़ की आवोहवा वाकई में इस जगह को बहुत खास बनाते है। पिथौरागढ़ भारत के उत्तराखंड राज्य का एक जिला है।  जो की धार्मिक एवं ऐतिहासिक तौर पर समृद्ध जिला है।  पिथौरागढ़ उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है।  आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगो को उत्तराखंड का जिला पिथौरागढ़ से परिचय  कराना चाहते है।  इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना।

जिला पिथौरागढ़ परिचय

हिमालय की तलहटी में बसा पिथौरागढ़ भारत के उत्तराखंड राज्य का एक पर्वतीय जिला है जो की समुंद्रतल से 1,627 मीटर की उचाई पर स्थित है।  पिथौरागढ़ जिलें का कुल क्षेत्रफल 7090  वर्ग किलोमीटर है जबकि 2011  की जनगणना के अनुसार जिलें की कुल जनसंख्या लगभग  483439 है।  पिथौरागढ़ जिले के बारें में बताया जाता है की जिले का प्राचीन नाम  सोरघाटी  हुवा करता था।  जिसका अर्थ   सोर  यानि की सरोवर से लिया जाता है।  प्राचीन समय में यहाँ पर सात सरोवर थे।  इसलिए इसे सोरघाटी के नाम से जाना जाता था।  पिथौरागढ़ नाम पड़ने के पीछें किवदंती है की जिले में पहले पृथ्वीराज चौहान की राजधानी हुवा करती थी।

पिथौरागढ़ जिला सांस्कृतिक एवं धार्मिक तौर पर भी समृद्ध है।  उत्तराखंड संस्कृति की अनोखी स्मृतियों के साथ कला एवं रीतिरिवाजों को जीवंत रखते हुए यहाँ के लोग लोकपर्व, हस्त एवं शिल्पकलाएँ, मेले, धार्मिक स्थल , त्यौहार,  आदि अवसरों में सांस्कृतिक अभिव्यक्ति उजागर करते है। पारम्परिक पोशाक एवं भोजन के व्यंजन संस्कृति के मुख्या अंग है।  जिनका  सम्बन्ध उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाता है।

जिला पिथौरागढ़ परिचय
जिले का नाम पिथौरागढ़
राज्य उत्तराखंड
क्षेत्रफल 7090  वर्ग किलोमीटर
समुद्रतल से उचाई 1,627 मीटर
जनसँख्या 483439
मुख्यालय पिथौरागढ़
भाषा हिन्दी, कुमाऊँनी
तहसील पिथौरागढ़, डीडीहाट, गंगोलीहाट, बेरीनाग, धारचूला, गनाई गंगोली, थल, बंगापानी, तेजम, पांखू, मुनस्यारी, कनालिछिना,देवलथल
जिला पिथौरागढ़ इतिहास

पिथौरागढ़ का इतिहास प्राचीन है।  लोगों के रहन सहन से पहले जिला एक विशाल झील था जिसके प्रमाण में जिलें के एक गांव में मछलियों एवं घोंघों के जीवाश्म पाये गये जिनके माध्यम से पता चलता है की पिथौरागढ़  पहले एक झील था।  धीरे धीरे मनुष्य जाती ने यहाँ पर रहना शुरू किया और वर्तंमान में यह एक जिले के रूप में जाना जाता है। शुरवाती समय में यहाँ पर खस वंश का शासन रहा जिन्होंने अपने शासन काल में किल्लें एवं कोटों का निर्माण किया।  खस वंश के प्रमुख किल्लें में उदयकोट और ऊँचाकोट विशेष स्थान रखते है।

खस वंश के बाद पिथौरागढ़ के इतिहास में पाल वंश का शासन के बारें में देखने को मिलता है जिन्हें प्राय कचूडी वंश के नाम से जाना जाता था।  पाल वंश के समकालीन  राजा अशोक मल्ला माने जाते है।  इतिहास के पन्नों से पता  चलता है क इसी अवधि में पाल वंश के राजा पिथौर ने पिथौरागढ़ स्थापित किया जिसके बाद यह पिथौरागढ़ के नाम से जाना जाने लगा।  पाल वंश ने लगभग 1622  तक पिथौरागढ़ में राज किया। हालाँकि  पिथौरागढ़ की स्थापना के पीछें मतभेद बने रहें और पिथौरागढ़ के इतिहास का  विवादास्पद वर्णन देखने को मिलता है।  इतिहासकार एटकिंसन  लिखते है की  चंद वंश के शासन सामंत पीरू गोसाई ने पिथौरागढ़ जिले  की स्थापना की।

जिला पिथौरागढ़ से जुड़ें महत्वपूर्ण जानकारियां

 

पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर

भक्ति एवं आस्था का प्रतिक पिथौरागढ़ देवी देवताओं की पवित्र  स्थली है।  पिथौरागढ़ में बहुत से पवित्र स्थल है जो की हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते है।  किसी खास महोत्सव एवं लोकपर्वों के दौरान यहाँ पर लोगों की जम कर भीड़ इकट्ठा होती है।  पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के श्रेणी में निम्नलिखित  मंदिर शामिल है – महाकाली मंदिर, मोस्टामानु मंदिर, कामाक्ष्या मंदिर , उल्कादेवी मंदिर,

पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध मेले

राज्य की संस्कृति को जीवंत रखने के लिए जिलें के लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार के मेलें आयोजित किये जाते है।  यह मेलें राज्य की संस्कृति को दर्शातें है।  मुख्य रूप से मेले आयोजित करने के पीछें लोगों को आपसी एकता एवं स्थानिया विक्रेताओं को एक मंच प्रदान करना है।  पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख मेलें निम्न प्रकार के है –  गंगोलीहाट का मेला, थल मेला, गबला देव मेला, कनरा का मेला , जौलजीबी का मेला ,

पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

प्रकृति की सुंदर वादियों के बीच में बसा पिथौरागढ़ उत्तराखंड का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।  हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता पिथौरागढ़ पर्यटकों को जंगल ट्रेकिंग, प्राकृतिक दृश्य एवं वन्य जीव विहार के साक्षात दर्शन कराता है।  पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल  निम्न  है – लन्दन फोर्ट, थल केदार, चण्डाक, पाताल भुवनेश्वर, नारायण आश्रम, अस्कोट अभयारण्य,

पिथौरागढ़  के प्रमुख नदियाँ – धौली, गर्थि:, काली, गोरी, कुतियांग्टी,  सरजू, राम गंगा,

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