nainitaal parichay or itihas

जिला नैनीताल परिचय और इतिहास 

जिला नैनीताल पहाड़ों की खूबसूरत वादियों के बीच में स्थित भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो की अपनी सुरम्य घाटियों एवं  झील के आकर्षक दृश्यों से लाखों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।  जिला मुख्या रूप से पर्यटकों का आकर्षण है इसलिए यहाँ की संस्कृति, रीतिरिवाज एवं  भोले भालें लोगों का अपनापन  सभी को पसंद आता है।  आज के इस लेख में हम आप लोगों के साथ जिला नैनीताल के परिचय एवं इतिहास से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कर रहे है।  जिला नैनीताल से सम्बंधित परीक्षा में पूछें जाने वाले प्रश्नों को जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

जिला नैनीताल परिचय

नैनीताल जिला भारत के पर्वतीय राज्य उत्तराखंड का एक जिला है जो की चारों ओर से सात पहाड़ियों से घिरा हुवा है।  पहाड़ी चोटियों पर खिलें खूबसूरत से फूल एवं तरोवताज कर देने वाली इसकी आवोहवा आगुन्तकों को आकर्षित करने के लिए काफी है।  दूर पहाड़ी चोटियों पर स्थित  बर्फ और देवदारों के वृक्षों की चीरती सूरज की किरणें सूर्यौदय एवं सूर्यास्त की मनमोहक लमिमा दृश्य प्रदर्शित करती है। इन सभी खूबियों के कारण यह वर्ष भर में लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।

समुंद्रतल से 2,084 मीटर की ऊंचाई  पर स्थित जिला नैनीताल 4,251 वर्ग किमी० के क्षेत्रफल में फैला हुवा है।  जो की झील, घाटियाँ एवं वन्यजीव अभयरण्यों से प्रयुक्त है।  लोगों का भोलापन एवं अपनापन का स्वभाव राज्य के लोगों का कोमल हृदय की भावना को प्रकट करता है।  सन 2011  की जनगणना के अनुसार जिलें की कुल जनसंख्या 954,605  है।  नैनीताल का  अधिकांस भाग पर्वतीय है इसलिए यह जंगल गतिविधिया एवं साहसिक कार्य के लिए प्रसिद्ध है।  जिले का मुख्या व्यवसाय कृषि है अधिकांश जनसँख्या कृषि के माध्यम से ही जीवन यापन करती है।  जबकि पर्यटन भी लोगों के आय का श्रोत है।

यदि बात की जाएँ जिला नैनीताल में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की तो बताना चाहेंगे की लाखों लोगों के आवागमन होने से यहाँ पर बेहतर शिक्षा एवं  स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है।  जबकि गांव के दूर दरार इलाकों में स्वास्थ्य की सुविधा हेतु  स्वास्थ्य केंद्र उचित दूरी पर उपलब्ध नहीं है।  ग्रामीण क्षेत्र में आज भी कई स्कूल ऐसे है जहाँ पर या तो अध्यापकों की कमी है या वहां पर शिक्षा के पूर्ण साधन मौजूद नहीं है।

जिला नैनीताल  परिचय

जिले का नाम नैनीताल
राज्य उत्तराखंड
क्षेत्रफल 4,251 वर्ग किमी०
समुद्रतल से उचाई 2,084 मीटर
जनसँख्या 954,605
मुख्यालय नैनीताल
भाषा हिन्दी, कुमाऊँनी
तहसील नैनीताल

हल्द्वानी

रामनगर

कालाढूंगी

लालकुऑ

धारी

खनस्यूं

कोश्याकुटौली

बेतालघाट

अधिकारिक वेबसाइट https://nainital.nic.in/hi/
जिला नैनीताल इतिहास

नैनीताल जिलें का इतिहास प्राचीन है। जैसा की हम सभी जानते ही है की नैनीताल कुमाऊँ मंडल का एक जिला है और  बताया जाता है की कई वर्ष पहले कुमाऊं  छोटी-छोटी रियासतों में विभाजित था।  जिला नैनीताल में पहले चन्द वंश का शासन था जिन्होंने कत्यूरी राजवंश की बेटी से शादी करके धीरें धीरें  रियासतों पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया।  अंग्रेजों ने 1815  ईस्वी में गढ़वाल एवं कुमाऊँ पर कब्ज़ा कर लिया था।  इसी समय श्री ट्रेल ने नैनीताल जिले की यात्रा की लेकिन उन्हें नैनीताल एक धार्मिक जगह लगी जिसके बाद उन्होंने अपनी यात्रा का ज्यादा प्रचार नहीं किया।  बताना चाहेंगे की श्री ट्रेल ही नैनीताल की यात्रा करने वाले पहले यूरोपीय थे।

नैनीताल प्राचीन काल से ही पवित्र भूमि रही है। नैनीताल के  इतिहास में  पौराणिक महत्व भी जीवंत होता है  जिसके बारें में हम इसी लेख में जानने वाले है।  बात है सन 1839 की जब पी. बैरन  नाम का एक अंग्रेज व्यापारी नैनीताल आया।  यह जिला शाहजहाँपुर में चीनी का व्यापार करता था।   पी. बैरन  एक पर्वतरोही भी था तो वह जैसे तैसे करके वह  नैनीताल के नैनी झील पहुचें।  वह लगातर नैनीताल की हसीन वादियों की  खबर पिलग्रिम  नाम के  यात्रा विवरण  के माध्यम से समाचार पत्रों को भेजते थे।  सन्  24 नवम्बर 1841 को कलकत्ता के एक अंग्रेजी अखबार में नैनीताल के ताल की खोज के बारें में जानकारी जनता के सामने रखी।

जिला नैनीताल पौराणिक  इतिहास

जिला नैनीताल प्राचीन काल से  ही  पवित्र भूमि रही है।  इसके साक्ष्य ‘स्कन्द पुराण’ के ‘मानस खण्ड’ में पढ़ने को मिलते है।  जिसमें नैनीताल को त्रिऋषि सरोवर यानि की तीन साधुवों की भूमि।  पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की यहाँ पर तीन ऋषि तपस्या किया करते थे।  यहाँ पर जो झील मौजूद है उसके बारें में किवदंती है की ऋषियों को पिने का पानी न मिल पाने के कारण मानसरोवर झील के जल को साइफन द्वारा यहांं पर लाय।  ऐतिहासिक तथ्यों से इस बात की पुष्टि भी होती है की नैनीताल 64 शक्तिपीठों’ में से एक है । मान्यता है  की जब भगवान शिव जी सती को जली हुई अवस्था में ले जा रहे थे इस स्थान में उनका एक अंग नैन गिरी थी जिसके बाद इस जगह की नैनीताल के नाम से जाना जाता है।

जिला नैनीताल से जुड़ें महत्वपूर्ण जानकारियां

नैनीताल के प्रसिद्ध मंदिर –

  1. हनुमान गढ़ी मंदिर
  2. गर्जिया देवी मंदिर
  3. कैंचीधाम मंदिर
  4. गोलू देवता मंदिर

नैनीताल के प्रसिद्ध मेले –  

  1. लड़ी धुरा मेला
  2. मानेश्वर मेला
  3. पूर्णागिरि मेला
  4. बग्वाल मेला

नैनीताल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल –

  1. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
  2. नैना पीक
  3. मॉल रोड़
  4. नैनी झील
  5. टीफिन टॉप
  6. ज्योलिकोट

नैनीताल के प्रमुख नदियाँ –

  1. कोसी नदी
  2. गौला नदी
  3. भाखड़ा
  4. दाबका
  5. बौर

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