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माघ मेला

by Surjeet Singh

उत्तराखंड अपनी परम्परागत रीती रिवाजों से जुड़ा हुवा है। लोक कथाओं पर आधारित यहाँ के लोग विभिन्न प्रकार के लोकपर्व,त्यौहार एवं मेलों को मानते है।  अपनी संस्कृति को जीवंत रखते हुए उत्तराखंड वासी  तरह तरह के मेलों का आयोजन करते है। यह मेलें मुख्या रूप से स्थानिया लोगों के द्वारा बनायें हुए होते है जो की उनकी सांस्कृतिक छटा को प्रदर्शित करता है।  उन्हीं प्रमुख मेलें में एक है उत्तराखंड का प्रसिद्ध माघ मेला।  आज के इस इस लेख में हम आपके साथ माघ मेला के बारें में जानकारी देने वाले है।

माघ मेला के बारें में

माघ मेला उत्तरकाशी हिन्दू सभय्ता के पौराणिक मेले एवं सांस्कृतिय मेलो के आलावा व्यावसायिक मेले के लिए भी अधिक प्रसिद्ध है । जो स्थानीय और दर्शनीय लोगो में अधिक लोकप्रिय है । उत्तरकाशी के मेले विभिन्न स्थानों पर कन्दर देवता और अन्य हिन्दू देवी-देवताओ व उन देवी देवताओ की झाकी संगराली गांव के द्वारा निकालते हुए रामलीला क्षेत्र की ओर मेले के पहले दिन प्रस्थान किया जाता  है। इस मेले में आने वाले स्थानीय लोग सर्वप्रथम गंगा स्नान करते है। व उसके पश्चात मंदिर फिर झाकी का दर्शन करते  है.

magh mela uttarkashi

माघ मेला 2023 कब है?

जिस तरह से हर त्यौहार को मानने के लिए सभी लोग बेसब्री से इन्तजार करते है ठीक उसी तरह से माघ मेले के मनाये जाने के लिए सभी लोग इन्तजार कर रहे है।  माघ मेलें को प्रति वर्ष मकर सक्रांति के दिन मनाये जाने का प्रावधान है।  और 2023  में मकर संक्राति 14  जनवरी को है ।  यानि की हर वर्ष की इस वर्ष भी उत्तरकाशी जिलें में हजारों की संख्या में लोगों का जमवाड़ा लगने वाला है।

मेलें के कुछ दिन पहले ही स्थानिया लोगों द्वारा मेलें की तैयारियां शुरू की जाती है।  स्थानिया विक्रेता कुछ दिन पहले से ही अपने उत्पाद को मेलें में ले जाने के लिए तैयार रखते है।  सांस्कृतिक कार्यकर्म एवं नृत्य , संगीत का प्रबंध भी मंडलियों द्वारा किया जाता है।  चारों ओर खुशी की चहल पहल के साथ यह मेला अनोखी एवं सदाबहार यादों को संजोता है।

माघ मेला का इतिहास

ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर देखें तो माघ मेला  मानने के पीछे का इतिहास बताता है की माघ मेलें की शुरुवात लोगों के बीच संबंधों में गहराई लेन की लिए की गई थी।  देवभूमि उत्तराखंड प्राचीन काल से देवों की भूमि रही है इसलिए यह पर मेलें, पर्व, और त्यौहार आपसी प्रेम को मजबूत करने के लिए मनाएं जाते है।  मेलें के माध्यम से यहाँ के विक्रेताओं को एक मंच प्रदान होता है।  जिससे वह अपनी संस्कृति और कला के साथ स्थानिया उत्पाद को बढ़ाव दे सकें।

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