राज्य मैं हो रही लगातार दुग्ध उत्पादन की कमी को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने उत्तराखंड मैं रह रही महिलाओं के हित के लिए मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना 2022 की शुरुवात की है| जिसका लक्ष्य राज्य मैं हो रही पौष्टिक एवं गुणवत्तायुक्त चारे की कमी को दूर करना है सरकार का मानना है की पौष्टिक एवं गुणवत्तायुक्त चारे की कमी के कारण दुग्ध उत्पादन में कमी हो रही है जिसके चलते दुग्ध की पूर्ति कर पाना मुश्किल हो रहा है ऐसे मैं सरकार का यह फैसला कही न कही राज्य मैं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देगा|
क्या है मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना
अब आप सोच रहें होंगे की आखिर मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना क्या है और कैसे यह काम करती है बताना चाहिँगे की उत्तराखंड का 70 प्रतिशत भाग पर्वतीय है और यहाँ रहने वाली सभी माताओं एवं बहनों को पशुओं के चारे के लिए जंगल जाना पड़ता है जिसके कारण महिलाओं को दिक्क्त तो होती है लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता का बिषय यह है की गर्मियों मैं जंगलों मैं आग के लग जाने के कारण चारें की ब्यवस्था कर पाना मुश्किल होता है. जिससे सीधा असर दुग्ध उत्पादन पर देखने को मिलता है.
इसलिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की शुरुवात की गई जिसका मुख्य लक्ष्य पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराना है इसके लिए सरकार हर जरूरत मंद परिवार को पशुओं के लिए चारा प्रदान करती है इसके लिए इच्छुक परिवार कैसे लाभ प्राप्त कर सकता है चलिए देखते है|
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए पात्रता
जैसा की आपको पता है की सरकार ने अपनी हर योजना के लिए कुछ न कुछ पात्रता रखी होती है जिसके तहत ही मानदंडों के आधार पर लाभार्थी का चयन किया जाता हैं की क्या सचमुच यह ब्यक्ति योजना लेने के लिए योग्य है या नहीं, ठीक उसी तरह सरकार ने भी इस मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए भी पात्रता रखी है जो की इस प्रकार से है वही ब्यक्ति केवल इसमें आवेदन कर सकते है.
- आवेदक उत्तराखंड का मूल निवासी होने चाहियें
- जो ब्यक्ति दुधारू पशु रखते हो
- वाकई मैं उनके पास चारें का कोई पर्याप्त साधन न हो
- जो जंगल से चारा जुटाने के योग्य न हो
घस्यारी कल्याण योजना से मिलने वाले लाभ
- राज्य के दुग्ध उत्पादन मैं बृद्धि होगी
- गरीब और जरूरत मंद को मदत्त मिलेगी
- महिलाओं को जंगल पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा
- लोग दुधारू पशु रखने के लिए प्रोत्साहित होंगे